अब देश की सबसे बड़ी अदालत से आरुषि का सवाल- 'मुझे किसने मारा'; जानें अब तक क्या-क्या हुआ?

अब देश की सबसे बड़ी अदालत से आरुषि का सवाल- 'मुझे किसने मारा'; जानें अब तक क्या-क्या हुआ?


सीबीआई का मानना है कि आरुषि के माता-पिता राजेश और नुपुर तलवार ने ही उस रात इस दोहरे हत्याकांड को अंजाम दिया था। अब शायद आरुषि भी सुप्रीम कोर्ट से पूछेगी कि बताओ मुझे किसने मारा...

नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। नोएडा का बहुचर्चित आरुषि-हेमराज हत्याकांड पिछले 10 साल से आज भी ऐसी गुत्थी बना हुआ है, जिसका सिरा पहले पुलिस और बाद में सीबीआई भी ढूंढती रह गई। लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। हाईकोर्ट में मात खाने के बात सीबीआई ने इस मामले में अब सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। सीबीआई का अब भी यही मानना है कि आरुषि के माता-पिता राजेश और नुपुर तलवार ने ही उस रात इस दोहरे हत्याकांड को अंजाम दिया था। अब शायद आरुषि भी सुप्रीम कोर्ट से पूछेगी कि बताओ मुझे किसने मारा...
हाईकोर्ट ने तलवार दंपत्ति को किया बरी
पिछले साल यानी 12 अक्टूबर 2017 को इलाबाहाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए तलवार दंपति को डबल मर्डर केस में बरी कर दिया था। साल 2008 के 15-16 मई की आधी रात को आरुषि की धारदार हथियार से हत्या कर दी गई थी। अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा था कि जो सबूत के तौर पर उनके रिकॉर्ड मौजूद हैं, उसके आधार पर तलवार दंपत्ति को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है।

फिर किसने किया आरुषि का कत्ल
हाईकोर्ट के इस फैसले ने सीबीआई अदालत की तरफ से 14 साल की आरुषि की हत्या में उसके माता-पिता को दोषी करार दिए जाने के बाद शुरू हुई अग्नि परीक्षा तो खत्म कर दी, लेकिन एक सवाल आज भी जिंदा है कि आखिर आरुषि और हेमराज की हत्या किसने की। जस्टिस बी.के. नारायण और ए.के. मिश्रा की खंडपीठ ने तलवार दंपत्ति की अपील पर गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपना फैसला सुनाया था। हाईकोर्ट के इसी फैसले के खिलाफ अब सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।बता दें कि सीबीआई कोर्ट ने 26 नवंबर 2013 को तलवार दंपत्ति को आरुषि-हमेराज हत्याकांड में दोषी मानते हुए उम्रकैद की सज़ा सुनाई थी। उसके बाद से तलवार दंपत्ति गाजियाबाद के डासना जेल मे सजा काट रहे थे, जिन्हें हाईकोर्ट के फैसले के बाद रिहा किया गया था।
ऐसे में आज भी आरुषि और हेमराज की आत्माएं पूछ रही होंगी कि आखिर वो कौन शख्स था, जिसने हमारा कत्ल किया? क्यों आज तक वह कानून के फंदे से दूर है?

नानी की जिम्मेदारी थी आरुषि की देखभाल
आरुषि की नानी लता एक मराठा परिवार से आती है। जबकि राजेश तलवार पंजाबी हैं। लेकिन, राजेश तलवार और नुपूर की शादी के पीछ दिलचस्प कहानी है। दरअसल, आरुषि की नानी की मानें तो राजेश तलवार और नुपूर दोनों ने लखनऊ से बीएसएस की पढ़ाई की थी। उसके बाद राजेश तलवार दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज से एमडीएस करने लगे। ऐसे में राजेश तलवार का नुपूर के घर आना जाना होता था।
जिसके बाद दोनों परिवार की तरफ से शादी के लिए आपसी सहमति दे दी गई। तलवार दंपत्ति पहले दक्षिणी दिल्ली में रहते थे, लेकिन बाद में वे नोएडा के जलवायु विहार में शिफ्ट हो गए थे। नुपूर की मां भी इसी जगह पर रहती थीं। ऐसे मे नुपूर और राजेश तलवार की पेशे में व्यस्तता के चलते आरुषि की देखभाल करना उसकी नानी की जिम्मेदारी थी।

बहुत चंचल स्वभाव की थी आरुषि
आरुषि के बारे में ऐसा उसकी नानी का कहना है कि वह काफी चंचल स्वभाव की थी। यही वजह थी कि उसके कई दोस्त थे, जिनके साथ वह काफी मौजमस्ती करती थी। उसे खाने में जो सबसे ज्यादा चीज पसंद थी वो थे- पिज्जा, फ्रेंच फ्राइज, पनीर। आरुषि के बारे में ऐसा कहा जाता है कि उसे अपनी मम्मी से सबसे ज्यादा लगाव था।



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